Saturday, November 8, 2014

कहानी विश्वास

किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था, वो जब
भी नाचता तो बारिश होती थी। अतः गाव के
लोगों को जब भी बारिश की जरूरत होती थी, तो वे लोग
साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे, और जब
वो नाचने लगता तो बारिश ज़रूर होती।
कुछ दिनों बाद चार लड़के शहर से गाँव में घूमने आये, जब उन्हें यह
बात मालूम हुई की किसी साधू के नाचने से बारिश होती है
तो उन्हें यकीन नहीं हुआ।
शहरी पढाई लिखाई के घमंड में उन्होंने गाँव
वालों को चुनौती दे दी कि हम भी नाचेंगे तो बारिश
होगी और अगर हमारे नाचने से नहीं हुई तो उस साधु के नाचने से
भी नहीं होगी। फिर क्या था अगले दिन सुबह-सुबह ही गाँव
वाले उन लड़कों को लेकर साधु की कुटिया पर पहुंचे।
साधु को सारी बात बताई गयी, फिर लड़कों ने नाचना शुरू
किया, आधे घंटे बीते और पहला लड़का थक कर बैठ गया पर बादल
नहीं दिखे, कुछ देर में दूसरे ने भी यही किया और एक घंटा बीतते-
बीतते बाकी दोनों लड़के भी थक कर बैठ गए, पर बारिश
नहीं हुई।
अब साधु की बारी थी, उसने नाचना शुरू किया, एक
घंटा बीता, बारिश नहीं हुई, साधु नाचता रहा …
दो घंटा बीता बारिश नहीं हुई…. पर साधु तो रुकने का नाम
ही नहीं ले रहा था, धीरे-धीरे शाम ढलने
लगी कि तभी बादलों की गड़गडाहत सुनाई दी और
ज़ोरों की बारिश होने लगी। लड़के दंग रह गए
और तुरंत साधु से क्षमा मांगी और पूछा-
”बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिश
नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी?”
साधु ने उत्तर दिया – ”जब मैं नाचता हूँ
तो दो बातों का ध्यान रखता हूँ, पहली बात मैं ये सोचता हूँ
कि अगर मैं नाचूँगा तो बारिश को होना ही पड़ेगा और
दूसरी ये कि मैं तब तक नाचूँगा जब तक कि बारिश न हो जाये।”
सफलता पाने वालों में यही गुण विद्यमान होता है, वो जिस
चीज को करते हैं उसमे उन्हें सफल होने का पूरा विश्वास होता है
और वे तब तक उस चीज को करते हैं जब तक कि उसमे सफल
ना हो जाएं। इसलिए यदि हमें सफलता हांसिल करनी है तो उस
साधु की तरह ही अपने ऊपर पूरा विश्वास होना चाहिए।
“विश्वास जीवन की शक्ति है, इसका अभाव अज्ञान है और
जीवन में वे ही विजयी हो सकते है, जिन्हें विश्वास है कि वे
विजयी होंगे
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